अन्य भाव से पहुंचने में कठिनाई है। जिस प्रकार भी हो हम स्नेहमयी मां की गोद में बैठ कर अन्य भाव से पहुंचने में कठिनाई है। जिस प्रकार भी हो हम स्नेहमयी मां की गोद में ...
मां के दर्शन तभी सुलभ है जब हमारा मन और हृदय निर्मल होगा ! मां के दर्शन तभी सुलभ है जब हमारा मन और हृदय निर्मल होगा !
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
अनुरागी अर्जुन और आत्मा रूपी कृष्ण के लिए तो यह आरम्भ का प्रथम कदम है। अनुरागी अर्जुन और आत्मा रूपी कृष्ण के लिए तो यह आरम्भ का प्रथम कदम है।
सच में आज और अगले हर दिन उस ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं। सच में आज और अगले हर दिन उस ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं।
तू ही गीतों की सरगम तू ही है गीत मेरा दिल को जो आ गया पसन्द वही मनमीत मेरा। तू ही गीतों की सरगम तू ही है गीत मेरा दिल को जो आ गया पसन्द वही मनमीत मेरा।